PROTESTING STUDENTS BREATH SIGH OF RELIEF: ON 11-10-2012 JHARKHAND PUBLIC SERVICE COMMISSION ISSUED NOTICE IN VARIOUS NEWSPAPERS THAT IT WOULD GIVE ONE YEAR TIME TO STUDENTS FOR PREPARING CSAT EXAMINATION. SO THOSE WHO ARE IN DILLEMA BE CLEAR. THIS YEAR NO CSAT IS GOING TO BE IMPLEMENTED. HENCE 5TH CIVIL SERVICES EXAMINATION WILL BE HELD WITH OLD PATTERN MEANS WITH OPTIONALS. SO STUDENTS WHO WERE PROTESTING, NOW BREATH SIGH OF RELIEF.
BPSC 53-55 MARKING PATTERN
ABOVE NOTICE FROM DAINIK BHASKAR E PAPER (11-10-2012, RANCHI EDITION PAGE NUMBER-13)
Jharkhand Public Service Commission had earlier announced that fifth Civil Services Preliminary Examination on the pattern of UPSC Civil Services Aptitude Test (CSAT). UPPSC is also following this pattern. However UPPSC has added Hindi grammar in that pattern. MPPSC has also recently announced to conduct state civil services examination on this pattern. But in Jharkhand a controversy has erupted on CSAT. Some students are protesting against the Jharkhand CSAT. They are saying that they are not against the new pattern but are opposing the timing of announcement. According to the protesting students, the pattern is correct but they should have been given more time to prepare for the pattern and announcement should have been made a few years ago, just like the UPSC. They are also saying that the UPSC announced the pattern of CSAT three years before applying it and they expected the same from the JPSC. But they are giving a month for preparations as the preliminary examination is to be held (as they said) in December and they have not even released the syllabus yet. Even some of them are complaining that they have been preparing for the examination on the basis of a old syllabus and when their preparation is about to complete, the JPSC wants them to start preparing again for a different syllabus, which is not possible. These students may be right at some extent but, we shouldn't forget that UPSC had announced the CSAT syllabus in October 2010 and preliminary examination was held in the month of June 2011, means 7 months before the preliminary examination. We should also not forget that Jharkhand government had instructed the JPSC in July 2011 to design the state civil services preliminary examination on the pattern of UPSC. Hence it can not be said that aspirants are not aware with forthcoming change or the new pattern. Seeing the 4th state civil services preliminary controversy, CSAT is better option, and it should be welcomed by the students, since it is in their interest. However JPSC has taken decision in this regard. So continue with your preparation.
11 comments:
When fifth vacancy is coming? Can anybody provide the information?
जेपीएससी की परीक्षा में अभी सी-सैट लागू नहीं होगा। यह आश्वासन गुरुवार को जेपीएससी चेयरमैन शिव बसंत ने आंदोलनरत छात्रों के डेलीगेशन को दी। उन्होंने डेलीगेशन को बताया कि सी-सैट लागू करने की स्वीकृति अभी सरकार ने नहीं दी है। वार्ता के दौरान छात्रों ने कहा कि स्केलिंग पीटी में लागू नहीं कर मुख्य परीक्षा में लागू किया जाए। उनके इस मांग पर भी जेपीएससी अध्यक्ष ने समुचित कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।
सी-सैट का छात्र कर रहे थे विरोध
उल्लेखनीय है कि सी-सैट लागू करने के मामले को लेकर छात्रों में काफी उबाल है। गुरुवार को भी छात्रों ने आयोग का घेराव करने की घोषणा की थी। हालांकि पुलिस की तैनाती और उनका विरोध देखते हुए बाद में छात्रों ने कचहरी चौक पर धरना देकर अपना विरोध जताया था। छात्रों के विरोध को देखते हुए आयोग चेयरमैन ने उनके डेलीगेशन को बुलाकर उनसे वार्ता की और उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया।
when JPSC 5th PT Would be cunducted,Can anybody provide this information!
जेपीएससी के खिलाफ धरना
रांचीत्नविभित्र छात्र संगठनों की ओर से गुरुवार को झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के खिलाफ आयुक्त कार्यालय के समक्ष धरना दिया गया. छात्र सी सैट (सिविल सर्विस एप्टीट्यूड टेस्ट) को हटाने की मांग कर रहे थे. छात्रों ने आयोग के खिलाफ दो घंटे तक नारेबाजी की. बाद में छात्र नेताओं का छह सदस्यीय प्रप्रतिनिधिमंडल आयोग के अध्यक्ष से मिला और उन्हें अपने मांगों से संबंधित ज्ञापन दिया. ज्ञापन में सी सैट पर रोक लगाने, पुराने र्ढे की स्केलिंग पद्धति को हटाने, 90 प्रतिशत सीटें झारखंडियों के लिए आरक्षित करने की मांग शामिल है. धरने में मनोज कुमार, एस अली, विपिन उरांव, अरविंद उरांव, रंजीत शर्मा, वरुण उरांव सहित अन्य शामिल थे.
16 से डाउनलोड कर सकेंगे कॉल लेटर
जेपीएससी द्वारा चतुर्थ सिविल सेवा परीक्षा के लिए 30 अक्तूबर से साक्षात्कार लिया जायेगा. अभ्यर्थियों को कॉल लेटर उनके दिये पते पर भेज दिया गया है. जिन्हें कॉल लेटर नहीं मिला है, वे 16 अक्तूबर से आयोग की वेबसाइट से कॉल लेटर डाउनलोड कर सकेंगे. फिर भी कॉल लेटर नहीं मिले, तो वे साक्ष्य के साथ आयोग के काउंटर से 25-26 अक्तूबर को प्राप्त कर सकते हैं. अभ्यर्थियों को कॉल लेटर के साथ प्रपत्र वन व प्रपत्र टू भरकर साक्षात्कार स्थल पर लाना अनिवार्य है.
झारखंड लोक सेवा आयोग की चौथी सिविल सेवा परीक्षा के साक्षात्कार में 655 अभ्यर्थी शामिल होंगे। इनमें 255 अनारक्षित, 206 अनुसूचित जनजाति, 48 अनुसूचित जाति, 102 बीसी-1 तथा 44 अभ्यर्थी बीसी-2 श्रेणी के शामिल हैं। आयोग में अभ्यर्थियों का साक्षात्कार 30 अक्टूबर से शुरू होगा। आयोग के परीक्षा नियंत्रक सुमंत कुमार सिन्हा के अनुसार, जेपीएससी ने साक्षात्कार के लिए 9 नवंबर तक शिड्यूल तैयार किया गया है। विशेष परिस्थिति में 10 नवंबर की भी तिथि रखी गई है। उन्होंने कहा है कि आयोग की कोशिश नवंबर माह में ही परिणाम जारी कर सरकार को अनुशंसा भेज देने की होगी। उल्लेखनीय है कि कुल 219 पदों पर नियुक्ति के लिए आयोजित मुख्य परीक्षा का परिणाम 18 सितंबर को जारी किया गया था।
जेपीएससी मेधा घोटाले में छात्र नेताओं से पूछताछ
: जेपीएससी मेधा घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ ने बुधवार को दो छात्र नेताओं से लंबी पूछताछ की। इन छात्र नेताओं में झारखंड छात्र संघ के अध्यक्ष एस. अली और झारखंड छात्र संघ की महासचिव नाजिया तबस्सुम शामिल हैं। पूछताछ में दोनों ही छात्र नेताओं ने जेपीएससी बहाली के घोटाले की विस्तृत जानकारी दी है। उनलोगों ने यह भी बताया है कि किस तरह परीक्षा से लेकर बहाली तक में गड़बडि़यां की गई हैं और इस घोटाले में कौन-कौन लोगों का हाथ रहा है। दोनों ही छात्र नेताओं को पूछताछ संबंधी जानकारियां बताने से भी मना किया गया है, ताकि अनुसंधान प्रभावित न हो। इधर, सीबीआई जेपीएससी मेधा घोटाले में तह खंगाल रही है, ताकि घोटाले के आरोपी किसी भी स्तर पर छूटने न पाए। इसमें परीक्षा के बाद कॉपी जांचने तक के मामले शामिल हैं। सीबीआइ को बयान देंगे तीन शिक्षक वाराणसी : महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के तीन अध्यापक सीबीआइ को बयान दर्ज कराने बुधवार को रांची रवाना हो गए। झारखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं में घालमेल की जांच कर रही सीबीआइ ने विद्यापीठ के 32 अध्यापकों को तलब किया था।
5th jpsc exam ka notification kab niklega...we all aspirants are egarly waiting.
ratish ji,please 5th jpsc ke notification ke bare me update karen.
5th jpsc kab tak aaega,
maine 1 blog pe padh ki jpsc me attemp limited ho rahe hai,
ek bar attemp smapt karke limited karne ka kya matlab nikala jai,
yadi aisa hai to bilkul galat hai,
rules kabhi bhi candidates k against nahi banana chahiya,
aisa karna tha to attemp smapt nahi karna chahiye tha
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